परीक्षा में धांधली पर रोक लगाने के लिए सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम( अनुचित साधनों की रोकथाम) 2024 लागू |

हाल ही में शिक्षा मंत्रालय (Ministry of Education) ने  NTA द्वारा आयोजित की गई UGC-NET एवं NEET-UGपरीक्षा में अनियमितता के चलते हैं यह कदम उठाया है|

लगातार पेपर लीक के मामले सामने आने के बाद 5 फरवरी 2024 को केंद्र सरकार ने लोकसभा में एक विधेयक पेश किया था|

यह विधेयक लोकसभा में 6 फरवरी को और राज्यसभा में 9 फरवरी को पारित हुआ था फरवरी में ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस विधेयक को मंजूरी दे दी थी हालांकि अब तक इसे अधिसूचित नहीं किया गया था|

आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचित होने के बाद यह कानून 21 जून को लागू हो गया है|

उद्देश्य-लोक परीक्षा प्रणाली में अधिक पारदर्शिता, निष्पक्षता एवं विश्वसनीयता लाने के लिए अनुचित साधनों को  रोकना है |

सार्वजनिक परीक्षा(अनुचित साधनों की रोकथाम )अधिनियम 2024  में दंड का क्या प्रावधान है ?

इस परीक्षा में की गई अनियमितता को अपराध की सूची में शामिल किया गया है जिसमें प्रश्न -पत्र या उत्तर -कुंजी का लीक करना, अनुचित तरीके से अभ्यर्थी की सहायता करना तथा कंप्यूटर संसाधनों को छेड़छाड़ करना शामिल है, इस अधिनियम में कठोर दंड का प्रावधान किया गया है जिसमें

1.इस अधिनियम के तहत अनुचित साधनों और अपराधों का सहारा लेने वाले किसी भी व्यक्ति को कम से कम 3 साल का जेल, जिसे 5 साल तक बढ़ाया जा सकता है|

2.10 लख रुपए तक के आर्थिक दंड का भी प्रावधान है

3. इस कानून के अनुसार परीक्षा संचालन के लिए नियुक्त सेवा प्रदाता को एक करोड रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा और साथ ही परीक्षा की अनुपातिक लागत भी सेवा प्रदाता से वसूल की जाएगी, इसके अलावा सेवा प्रदाता को अगले 4 साल की अवधि तक किसी भी सार्वजनिक परीक्षा का आयोजित करने पर रोक होगा|

4.धारा 9 के अनुसार सभी अपराध  गैर -जमाती और गैर -शमन योग्य होंगे

Note- गैर -शमन योग्य- वह अपराध है जिसमें शिकायतकर्ता द्वारा मामला वापस नहीं लिया जा सकता है , भले ही शिकायतकर्ता और आरोपी के बीच समझौता हो गया हो

5. बिना  वारंट की गिरफ्तारी की जा सकती है और जमानत करना अधिकार का मामला नहीं होगा 

6.एक मजिस्ट्रेट यह  निर्धारित करेगा कि अभियुक्त जमानत पर रिहा होने योग्य है या नही

जांच

इस कानून के तहत अपराध की जांच पुलिस उपाधीक्षक या सहायक पुलिस आयुक्त  स्तर से नीचे के अधिकारियों द्वारा नहीं की जाएगी

अगर जरूरत पड़े तो केंद्र सरकार जांच को किसी भी केंद्रीय जांच एजेंसी को हस्तांतरित कर सकती है 

बता दे कि देशभर की भर्ती परीक्षाओं में प्रश्न-पत्र लीक होने के मामले बड़ी संख्या में सामने आई है

देश में सिर्फ NEET-UG और NET-UGC ही नहीं बल्कि पिछले 10 वर्षों में पेपर लिक  की   कम से कम 65 घटनाएं हुई है जिससे सरकारी नौकरी की भर्ती प्रक्रिया बाधित हुई है| 

NTA(राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी )

यह भारत के शिक्षा मंत्रालय के  उच्च शिक्षा के तहत एक स्वायत्त एजेंसी है|

स्थापना-नवंबर 2017

उद्देश्य-देश भर में विभिन्न परिवेश परीक्षाएं आयोजित करना

यह एजेंसी NEET,JEE,CAT,UGC-NET,GPAT जैसी प्रतियोगी परीक्षाएं संपन्न करती है|

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